झारखंड की राजनीति में hemant soren झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के अध्यक्ष और एक प्रमुख राजनेता, ने अपनी नेतृत्व क्षमता और जनता के प्रति समर्पण से एक विशिष्ट स्थान बनाया है। हेमंत सोरेन 10 अगस्त 1975 को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के पुत्र हैं. वे रामगढ़ जिले के नेमारा गांव में जन्मे हैं। झारखंड के लोगों के लिए उनकी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने न केवल अपने पिता की राजनीतिक विरासत को बचाया, बल्कि एक नई उम्मीद की किरण भी बन गई। Read More Click Here
Hemant soren का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था
हेमंत सोरेन का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था, जहां उनके पिता शिबू सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना करके झारखंड राज्य के गठन के लिए संघर्ष किया था। हेमंत ने बोकारो के सेंट्रल स्कूल और पटना के एमजी हाई स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने पटना हाई स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की और बाद में रांची के बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (BIT) में मेसरा में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, लेकिन उन्होंने राजनीति में रुचि नहीं दिखाई।
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Hemant soren ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत ?
1994 में, हेमंत सोरेन ने JMM में शामिल होकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने 2005 में दुमका विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। लेकिन उनके भाई दुर्गा सोरेन की अचानक मौत के बाद उन्होंने परिवार की राजनीतिक विरासत संभाली। 2009 में वे राज्यसभा में शामिल हुए और उसी वर्ष दुमका से विधायक चुने गए। वे 2010 में झारखंड के उपमुख्यमंत्री बने और 2013 में पहली बार मुख्यमंत्री बने, जो उस समय देश का सबसे युवा था।
2019 में JMM, कांग्रेस और RJD गठबंधन की जीत से हेमंत सोरेन ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद संभाला। 2024 में उन्होंने एक कथित भूमि घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्होंने कानूनी लड़ाई जीतकर जमानत मिली और 4 जुलाई 2024 को फिर से मुख्यमंत्री बने। 28 नवंबर 2024 को उन्होंने झारखंड की चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जो एक रिकॉर्ड है।
Hemant soren ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए ?
झारखंड की जनता ने हेमंत सोरेन के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण सुधार प्राप्त किए। निम्नलिखित कुछ प्रमुख उपलब्धियां उनकी हैं:
मैया सम्मान कार्यक्रम: हेमंत सोरेन ने 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं के लिए मैया सम्मान योजना शुरू की, जो 18 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये और हर वर्ष 30,000 रुपये देती है। महिलाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्वतंत्रता देने वाली इस योजना ने 56.61 लाख महिलाओं को 1,415.44 करोड़ रुपये की सहायता दी।
मूलवासी हितों की रक्षा: हेमंत सोरेन ने मूलवासी और आदिवासी समुदायों के हितों को हमेशा सर्वोपरि माना। 2017 में तत्कालीन बीजेपी सरकार द्वारा प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण विधेयक में संशोधनों को रद्द करने में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
मृतकों और उनके आश्रितों का सम्मान: हेमंत सोरेन ने शहीद कॉन्स्टेबल सुनील धान के परिवार को 2.66 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी और पेंशन सुविधा दी। इस कदम से उनके संवेदनशील और जिम्मेदार नेतृत्व का प्रदर्शन होता है।
पर्यटन और प्रगति: हेमंत सोरेन ने झारखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए, जिसमें धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना और देवघर हवाई अड्डे का निर्माण शामिल है।
Hemant soren की शादी ?
कल्पना सोरेन हेमंत सोरेन की पत्नी है और दो बेटे हैं। वे आदिवासी योद्धा बिरसा मुंडा से प्रेरणा लेते हैं और उनकी वीरता से प्रेरणा लेते हैं। वे खेलों में दिलचस्पी रखते हैं और क्रिकेट और साइकिलिंग में रुचि रखते हैं। हेमंत सोरेन अपने फेसबुक पेज और आधिकारिक ट्विटर हैंडल @HemantSorenJMM के माध्यम से लोगों से जुड़े रहता है जब वह सोशल मीडिया पर सक्रिय है।