18/04/2025
Jamshedpur. jharkhand east singhbhum,india
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Jharkhand me kitne jile hai ?

Jharkhand, भारत का एक खनिज संपन्न और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य, 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर 28वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। यह राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता, जनजातीय संस्कृति, और खनिज संसाधनों के लिए प्रसिद्ध है। प्रशासनिक दृष्टिकोण से, झारखण्ड को 24 जिलों में विभाजित किया गया है, जो पांच प्रमंडलों के अंतर्गत आते हैं। यह लेख झारखण्ड के जिलों, उनके इतिहास, और उनकी विशेषताओं पर प्रकाश डालता है।

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झारखण्ड (Jharkhand) में कितने जिले हैं?

वर्तमान में, झारखण्ड में कुल 24 जिले हैं। राज्य के गठन के समय इसमें केवल 18 जिले थे, जो पहले दक्षिणी बिहार का हिस्सा थे। बाद में, प्रशासनिक सुविधा और बेहतर शासन के लिए इन जिलों का पुनर्गठन किया गया, और छह नए जिले बनाए गए। नवीनतम जिले, खूंटी और रामगढ़, 12 सितंबर 2007 को क्रमशः रांची और हजारीबाग जिले से अलग होकर बनाए गए। तब से, जिले की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

झारखण्ड(Jharkhand) के 24 जिले

निम्नलिखित झारखण्ड के 24 जिलों की सूची है, जो उनके महत्वपूर्ण विशेषताओं के साथ दी गई है:

  1. रांची – झारखण्ड की राजधानी, जिसे “झरनों का शहर” कहा जाता है। यह शिक्षा और प्रशासन का केंद्र है।
  2. लोहरदगा – प्राकृतिक सुंदरता और जनजातीय संस्कृति के लिए जाना जाता है।
  3. गुमला – करमा उत्सव और प्राकृतिक संसाधनों के लिए प्रसिद्ध।
  4. सिमडेगा – जनजातीय कला और हस्तशिल्प का केंद्र।
  5. पलामू – ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व का जिला।
  6. लातेहार – घने जंगल और झरनों के लिए प्रसिद्ध।
  7. गढ़वा – प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध।
  8. पश्चिमी सिंहभूम – क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा जिला, खनिज संपदा के लिए जाना जाता है।
  9. सरायकेला-खरसावां – छऊ नृत्य और औद्योगिक गतिविधियों का केंद्र।
  10. पूर्वी सिंहभूम – जमशेदपुर, टाटा स्टील का गढ़, औद्योगिक केंद्र।
  11. दुमका – मलूटी मंदिर और जनजातीय संस्कृति के लिए प्रसिद्ध।
  12. जामतारा – सांस्कृतिक उत्सवों और लोक संगीत का केंद्र।
  13. साहिबगंज – गंगा नदी के किनारे बसा, प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण।
  14. पाकुड़ – पत्थर उद्योग और ग्रामीण संस्कृति के लिए जाना जाता है।
  15. गोड्डा – कोयला और खनिज भंडार का महत्वपूर्ण केंद्र।
  16. हजारीबाग – पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध।
  17. चतरा – प्राचीन मंदिरों और पुरातात्विक महत्व का जिला।
  18. कोडरमा – “भारत का अभ्रक राजधानी” के रूप में जाना जाता है।
  19. गिरिडीह – पारसनाथ पहाड़ी, जैन तीर्थस्थल के लिए प्रसिद्ध।
  20. धनबाद – “भारत की कोयला राजधानी”, खनन उद्योग का केंद्र।
  21. बोकारो – बोकारो स्टील प्लांट और औद्योगिक विकास का प्रतीक।
  22. देवघर – बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, तीर्थयात्रियों का प्रमुख केंद्र।
  23. खूंटी – जनजातीय संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम।
  24. रामगढ़ – क्षेत्रफल में सबसे छोटा जिला, खनन और संस्कृति का केंद्र।

प्रशासनिक प्रमंडल

झारखण्ड के 24 जिले पांच प्रशासनिक प्रमंडलों में विभाजित हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  1. पलामू प्रमंडल (मुख्यालय: मेदिनीनगर) – पलामू, गढ़वा, लातेहार
  2. उत्तर छोटानागपुर प्रमंडल (मुख्यालय: हजारीबाग) – चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, रामगढ़, बोकारो, धनबाद
  3. दक्षिण छोटानागपुर प्रमंडल (मुख्यालय: रांची) – लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, रांची, खूंटी
  4. कोल्हान प्रमंडल (मुख्यालय: चाईबासा) – पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, पूर्वी सिंहभूम
  5. संताल परगना प्रमंडल (मुख्यालय: दुमका) – जामतारा, देवघर, दुमका, पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज

जिलों की विशेषताएँ

  • क्षेत्रफल: पश्चिमी सिंहभूम (7,224 वर्ग किमी) सबसे बड़ा जिला है, जबकि रामगढ़ (1,341 वर्ग किमी) सबसे छोटा है।
  • जनसंख्या: रांची सबसे अधिक आबादी वाला जिला है (2011 की जनगणना के अनुसार 29.14 लाख), जबकि लोहरदगा सबसे कम आबादी वाला है (4.61 लाख)।
  • साक्षरता: रांची में सबसे अधिक साक्षरता दर (76.06%) है, जबकि पाकुड़ में सबसे कम (48.42%)।
  • खनिज संसाधन: धनबाद, बोकारो, और रांची जैसे जिले कोयला और खनिज भंडार के लिए प्रसिद्ध हैं।
  • पर्यटन: देवघर (बैद्यनाथ मंदिर), रांची (हुंडरू झरना), और हजारीबाग (हजारीबाग नेशनल पार्क) पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण हैं।

झारखण्ड का इतिहास और जिलों का विकास

झारखण्ड का गठन बिहार पुनर्गठन विधेयक, 2000 के पारित होने के बाद हुआ। शुरू में 18 जिलों के साथ स्थापित, राज्य ने बाद में छह नए जिले बनाए:

  • लातेहार (4 अप्रैल 2001, पलामू से अलग)
  • सिमडेगा (30 अप्रैल 2001, गुमला से अलग)
  • जामतारा (2001, दुमका से अलग)
  • साहिबगंज (2001, संताल परगना से अलग)
  • खूंटी (12 सितंबर 2007, रांची से अलग)
  • रामगढ़ (12 सितंबर 2007, हजारीबाग से अलग)

ये जिले प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और स्थानीय जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए बनाए गए। प्रत्येक जिले का नेतृत्व एक जिला मजिस्ट्रेट या उपायुक्त करता है, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का अधिकारी होता है।

सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व

झारखण्ड के जिले अपनी जनजातीय संस्कृति, प्राकृतिक संसाधनों, और औद्योगिक विकास के लिए जाने जाते हैं। यहाँ की 28% आबादी जनजातीय है, जो संताली, मुंडारी, और हो जैसी भाषाएँ बोलती है। धनबाद और बोकारो जैसे जिले कोयला और इस्पात उद्योग के लिए महत्वपूर्ण हैं, जबकि देवघर और गिरिडीह धार्मिक पर्यटन के केंद्र हैं।

निष्कर्ष

झारखण्ड के 24 जिले इसकी सांस्कृतिक विविधता, प्राकृतिक सौंदर्य, और आर्थिक क्षमता का प्रतीक हैं। प्रत्येक जिला अपनी अनूठी विशेषताओं के साथ राज्य की पहचान को समृद्ध करता है। चाहे वह रांची की शहरी चमक हो, देवघर का आध्यात्मिक महत्व, या धनबाद की औद्योगिक शक्ति, झारखण्ड के जिले इस राज्य को भारत के नक्शे पर एक विशेष स्थान दिलाते हैं।

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