सीपीएम का पूरा नाम है Cost Per Mille. विज्ञापन और डिजिटल मार्केटिंग क्षेत्र में बहुत से आम शब्द हैं, लेकिन उनका सही अर्थ जानना महत्वपूर्ण है। सीपीएम भी ऐसा ही शब्द है। सीपीएम का अर्थ, इसका उपयोग और इसका महत्व इस लेख में बताया जाएगा। यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा, चाहे आप एक व्यवसायी, मार्केटिंग प्रोफेशनल या आम जिज्ञासु हों।
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सीपीएम का मतलब ?
Cost Per Mille (सीपीएम) का पूरा नाम है। “Mille” लैटिन शब्द है, जिसका अर्थ हद है, यहाँ। हिंदी में इसे प्रति हजार खर्च या प्रति हजार इंप्रेशन्स खर्च कहा जा सकता है। डिजिटल मार्केटिंग में, सीपीएम विज्ञापनदाता को हजार बार प्रदर्शित (इंप्रेशन्स) करने की लागत बताता है।
यदि किसी विज्ञापन का सीपीएम ₹500 है, तो 1,000 बार दिखाने के लिए विज्ञापनदाता को ₹500 देना होगा। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि सीपीएम केवल प्रदर्शन (views) पर ध्यान देता है, क्लिक्स या कन्वर्जन नहीं।
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सीपीएम कैसे काम करता है?
सीपीएम एक विज्ञापन मॉडल है जो मुख्य रूप से ब्रांड जागरूकता को बढ़ाता है। यह उन विज्ञापनदाताओं के लिए अच्छा है जो अपने उत्पाद या सेवा को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाना चाहते हैं, चाहे वे उस पर क्लिक करें या नहीं।
सीपीएम गणना ?
निम्नलिखित सीपीएम गणना का सूत्र है:
सीपीएम = (कुल विज्ञापन लागत/कुल इंप्रेशन्स) × 1,000
उदाहरण है:
अगर आपने 2,000 रुपये खर्च किए और आपके विज्ञापन को 50,000 लोगों ने देखा, तो:
सीपीएम = (2,000/50,000) × 1,000 = ₹40
इसका अर्थ है कि 1,000 इंप्रेशन्स पर 40 रुपये लगेंगे।
सीपीएम का उपयोग कहाँ होता है?
निम्नलिखित क्षेत्रों में सीपीएम का सर्वाधिक उपयोग होता है:
डिजिटल प्रचार: गूगल, फेसबुक और अन्य विज्ञापन प्लेटफॉर्म्स पर सीपीएम-आधारित अभियान चलाए जाते हैं।
वेबसाइटों और ब्लॉगों में: वेबसाइट मालिक सीपीएम मॉडल का उपयोग करके अपने विज्ञापन स्थान को बेच सकते हैं।
TV और रेडियो: पारंपरिक मीडिया में भी सीपीएम का उपयोग दर्शकों की संख्या के आधार पर विज्ञापन लागत निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
मीडिया: इंस्टाग्राम, यूट्यूब और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ब्रांड जागरूकता के लिए सीपीएम मॉडल लोकप्रिय है।